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Last edited by Ashutosh Sharma
October 15, 2016 | History
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HAMARE SHRI GOLVALKAR JI KE SUKHAD SANSMARAN: GURU GOLVALKAR JI
2007, SANKIRTAN BHAVAN DHARMIK NYAS,JHUSI
PAPERBACK
in Hindi
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Book Details
Table of Contents
*हमारे श्री गोलवलकर जी के सुखद संस्मरण***
इस पुस्तक में पूज्य ब्रह्मचारी जी ने राष्ट्रीय स्वम सेवक संघ के प्रथम सरसंघ चालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर,गुरू जी के बारे में उनके स्वम के अनुभव को विस्तार से प्रस्तुत किया है।
यूं तो पूज्य महाराज जी का राष्ट्रीय स्वम सेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी के समय से ही नाता था।संस्थापना के समय से महाराज जी निरन्तर नागपुर कार्यालय जाते रहे।परन्तु डॉ. हेडगेवार जी के देहावसान के बाद उनके योग्य उत्तराधिकारी ,स्वामी विवेकानन्द जी के गुरु भाई श्री अखण्डानन्द जी के शिष्य श्री गोलवलकर गुरू जी और महाराज जी,इन दो महापुरूषों की मुलाक़ात ट्रेन में हुई,पहली ही मुलाक़ात में दोनों के दिव्य व्यक्तित्व का एक दुसरे पर ऐसा प्रभाव् पड़ा कि फिर यह मुलाक़ात का सिलसिला गुरू जी का महाराज जी के साथ उनके जीवन पर्यंत बना रहा।
आज की राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी की नींव भी इलाहबाद में संकीर्तन भवन आश्रम में पड़ी, महाराज जी के निवेदन पर ही गुरु जी ने एक राजनैतिक विकल्प के तौर पर जनसंघ की स्थापना पर विचार किया।कालांतर में यही जनसंघ आज की भाजपा के रूप में परिवर्तित हुई।
उस समय RSS व जनसंघ के सभी कार्यकर्ता पूज्य महाराज जी का सानिध्य प्राप्त करते रहे।
इस पुस्तक में पूज्य ब्रह्मचारी जी महाराज ने गुरू जी श्री गोलवलकर जी के साथ अपने 23 वर्षो (सन 1950-51 से 28 फरवरी 1973 अंतिम भेंट तक)के अनुभवों की चर्चा की है।
सभी से अनुरोध है कि माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर गुरू जी के बारे में पूज्य महाराज जी के अनुभव जानने के लिए अवश्य पढ़ें ।
लेखक-श्री प्रभुदत्त ब्रह्मचारी
पेज-*72
मूल्य-*25/-(डाक खर्च अतिरिक्त)
प्रकाशक-संकीर्तन भवन,झूंसी
मिलने का स्थान -
आशुतोष शर्मा(सचिव:पंडित रामदयाल फाउंडेशन)28,गल्ला मंडी,भिण्ड(म.प्र.)
मोबाइल नं.9425741069,9826158117
Edition Notes
The Physical Object
Edition Identifiers
Work Identifiers
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October 15, 2016 | Created by Ashutosh Sharma | Added new book. |