आधार स्तम्भ पर मदिरा का पात्र रखते हुए अम्बपाली ने करवट ली।
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इस उपन्यास में मैंने बुद्ध के समय का चित्रण किया है। कथा का केन्द्र वैशाली है। यह हमारा अंतिम प्रजातंत्र राष्ट्र था। मेरा उद्देश्य अंबपाली के जीवन के परिवर्तन और बुद्ध के समय का निरुपण करना रहा है…-------------------------------------------------------------------------------------------पुस्तक की भूमिका से
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"आधार स्तम्भ पर मदिरा का पात्र रखते हुए अम्बपाली ने करवट ली।"
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Feedback?February 12, 2010 | Edited by WorkBot | add more information to works |
October 27, 2009 | Created by WorkBot | add works page |